रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बोले– भारत की ताक़त प्रभुत्व जमाने के लिए नहीं, बल्कि संस्कृति और मानवीय मूल्यों की रक्षा के लिए
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बोले– भारत की ताक़त प्रभुत्व जमाने के लिए नहीं, बल्कि संस्कृति और मानवीय मूल्यों की रक्षा के लिए
हैदराबाद। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज हैदराबाद में आयोजित जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन कनेक्ट कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत की बढ़ती सैन्य और आर्थिक शक्ति का उद्देश्य किसी पर प्रभुत्व जमाना नहीं, बल्कि अपनी सांस्कृतिक धरोहर, आध्यात्मिक परंपराओं और भगवान महावीर द्वारा सिखाए गए मानवीय आदर्शों की रक्षा करना है।
उन्होंने कहा कि देश आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में लगभग हर क्षेत्र में तेज़ी से प्रगति कर रहा है। भारत का निर्यात 24,000 करोड़ रुपये को पार कर चुका है और मुझे विश्वास है कि वर्ष 2029 तक रक्षा निर्यात 50,000 करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा।
रक्षा मंत्री ने कहा कि आज भारत खिलौनों से लेकर टैंकों तक सब कुछ स्वयं बना रहा है और विश्व के सबसे बड़े विनिर्माण केंद्र (मैन्युफैक्चरिंग हब) बनने की ओर तेजी से अग्रसर है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि हम ‘वोकल फॉर लोकल’ के बाद अब ‘लोकल टू ग्लोबल’ पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। सरकार की नीतियाँ स्पष्ट हैं और वे पूरी तरह राष्ट्रीय हित में हैं।
What's Your Reaction?
